Shri Balaji Ramlila, today portrayed the devotion of wife, brother's support and father's love for his son...
सीता बोली संग चलूंगी आपके में भी स्वामी, है जन्मो का साथ हमारा, कैसे मना कर देता मैं प्रेम का बंधन जोहै हमारा|
भाई लखन को भी मनाया मैंने पर वोह भी नहीं माने मेरी बात को, खेते यात्रा करूँगा साथ आपके आप ही मेरे प्राण हो|
पिताजी को चोद वियोग में ना जाने वोह कैसे रहे पाएंगे मेरे बिन|
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